पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर (1980 से वर्तमान तक) कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence AI) और उन्नत कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित है। इस पीढ़ी का लक्ष्य ऐसे कंप्यूटर बनाना है जो मानवजैसी सोच, तर्क, सीखने और निर्णय लेने की क्षमता रखते हों। यह पीढ़ी आधुनिक कंप्यूटिंग, इंटरनेट, और AI आधारित सिस्टम की नींव है।
पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर की मुख्य विशेषताएं:
1. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI):
- AI तकनीक का उपयोग करके कंप्यूटर को स्वयं सीखने (Machine Learning), समस्याओं को हल करने, और निर्णय लेने की क्षमता दी गई।
- उदाहरण: चैटबॉट्स (जैसे ChatGPT), स्वचालित वाहन, रोबोटिक्स।
2. यूएलएसआई (ULSI Ultra LargeScale Integration):
v माइक्रोप्रोसेसर में अरबों ट्रांजिस्टर समाहित करने की तकनीक, जिससे प्रोसेसिंग शक्ति
और गति में भारी वृद्धि हुई।
3. पैरेलल
प्रोसेसिंग:
v एक साथ कई प्रोसेसर का उपयोग करके डेटा को समानांतर रूप से
प्रोसेस करना। इससे सुपरकंप्यूटर और क्लाउड कंप्यूटिंग संभव हुई।
4. प्राकृतिक
भाषा प्रसंस्करण (NLP):
v कंप्यूटर मानव भाषा (जैसे हिंदी, अंग्रेजी) को समझने और
प्रतिक्रिया देने में सक्षम हुए।
v उदाहरण: Google
Assistant, Alexa, भाषा अनुवाद टूल।
5. क्वांटम
कंप्यूटिंग:
- क्वांटम सिद्धांतों (जैसे सुपरपोजिशन, एंटैंगलमेंट) पर आधारित कंप्यूटर, जो पारंपरिक कंप्यूटरों से लाखों गुना तेज गणना कर सकते हैं।
- उदाहरण: IBM Q, Google Sycamore।
6. इंटरनेट और
कनेक्टिविटी:
7. यूजरफ्रेंडली
इंटरफेस:
v ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI), टचस्क्रीन, वॉयस कमांड, और वर्चुअल रियलिटी (VR) का प्रसार।
महत्वपूर्ण विकास और उदाहरण:
v जापान का FGCS प्रोजेक्ट (1982): पांचवीं पीढ़ी के
कंप्यूटरों के विकास के लिए शुरू किया गया था, जिसमें AI और NLP पर फोकस किया गया।
v सुपरकंप्यूटर: IBM के Watson,
Cray सुपरकंप्यूटर, और भारत के PARAM श्रृंखला के
सुपरकंप्यूटर।
v स्मार्टफोन और
टैबलेट: AIआधारित एप्लिकेशन्स (जैसे फेस रिकग्निशन, वॉयस असिस्टेंट)।
v क्वांटम कंप्यूटर: भविष्य की तकनीक जो
चिकित्सा, क्रिप्टोग्राफी, और वैज्ञानिक अनुसंधान को
बदल देगी।
पांचवीं पीढ़ी का
महत्व:
1. AI और ऑटोमेशन: उद्योगों, स्वास्थ्य सेवा, और दैनिक जीवन में
स्वचालन को बढ़ावा।
2. डेटा
साइंस: बड़े डेटा (Big Data) का विश्लेषण करने की
क्षमता।
3. वैश्विक
संचार: इंटरनेट ने दुनिया को "ग्लोबल
विलेज" बना दिया।
4. वैज्ञानिक
प्रगति: जटिल समस्याओं (जैसे जलवायु परिवर्तन, अंतरिक्ष अनुसंधान) का
समाधान।
भविष्य की दिशा:
v नैनोटेक्नोलॉजी: अणुस्तर पर कंप्यूटर निर्माण।
v ब्रेनकंप्यूटर
इंटरफेस: मानव मस्तिष्क और कंप्यूटर का सीधा संपर्क।
v
पांचवीं पीढ़ी के
कंप्यूटर ने प्रौद्योगिकी को मानवीय क्षमताओं के करीब ला दिया है, और यह विकास अभी भी जारी
है। इसका उद्देश्य "सोचने वाले कंप्यूटर" बनाना है जो रचनात्मकता और
स्वतंत्र निर्णय ले सकें।

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