1.
माइक्रोप्रोसेसर का
उपयोग :-
- चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर में माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग किया गया। माइक्रोप्रोसेसर एक छोटा चिप होता है जिसमें CPU (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) के सभी कार्य होते हैं।
- इंटेल 4004, जो 1971 में पेश किया गया, दुनिया का पहला माइक्रोप्रोसेसर था।
2. आकार में छोटे और शक्तिशाली :-
- माइक्रोप्रोसेसर के उपयोग से कंप्यूटर का आकार काफी छोटा हो गया और वे पहले की तुलना में अधिक शक्तिशाली बन गए।
- पर्सनल कंप्यूटर (PC) का विकास इसी पीढ़ी में हुआ।
3. गति और दक्षता :-
· चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर पहले की तुलना में अधिक
तेज और कुशल थे। इनकी प्रोसेसिंग स्पीड बहुत अधिक थी।
4. उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाएं :-
·
इस पीढ़ी में उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं जैसे C, C++, और COBOL का व्यापक उपयोग हुआ।
·
यूजर इंटरफेस अधिक यूजरफ्रेंडली हो गया।
5. मेमोरी और स्टोरेज :-
- सेमीकंडक्टर मेमोरी (RAM और ROM) का उपयोग बढ़ गया, जिससे डेटा एक्सेस की गति तेज हुई।
- हार्ड डिस्क ड्राइव का उपयोग भी इसी पीढ़ी में शुरू हुआ।
6. नेटवर्किंग और इंटरनेट :-
· इस पीढ़ी में कंप्यूटर नेटवर्किंग और इंटरनेट
का प्रारंभिक विकास हुआ। ARPANET,
जो इंटरनेट का पूर्ववर्ती
था, इसी दौरान विकसित हुआ।
चौथी पीढ़ी
के कंप्यूटर के उदाहरण :-
·
Altair 8800 (1975): पहला व्यावसायिक रूप से
सफल पर्सनल कंप्यूटर।
·
Apple II (1977): स्टीव जॉब्स और स्टीव
वोज्नियाक द्वारा विकसित,
यह पर्सनल कंप्यूटर बहुत
लोकप्रिय हुआ।
·
IBM PC (1981): IBM द्वारा पेश किया गया, यह पर्सनल कंप्यूटर
व्यवसाय और घरों में व्यापक रूप से उपयोग किया गया।
चौथी पीढ़ी
के कंप्यूटर का महत्व :-
- इस पीढ़ी ने कंप्यूटर को आम लोगों के लिए सुलभ बनाया।
- पर्सनल कंप्यूटर के विकास ने व्यवसाय, शिक्षा और मनोरंजन के क्षेत्र में क्रांति ला दी।
- यह पीढ़ी आधुनिक कंप्यूटर प्रौद्योगिकी की नींव रखती है।
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