टच स्क्रीन (Touch Screen) एक इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले तकनीक है जो उपयोगकर्ता के स्पर्श (Touch) को इनपुट के रूप में पहचानती है और उसके आधार पर कार्य करती है। यह तकनीक स्मार्टफोन, टैबलेट, एटीएम, कियोस्क, और इंटरएक्टिव डिस्प्ले जैसे उपकरणों में व्यापक रूप से उपयोग की जाती है।
1. टच स्क्रीन के प्रकार :-
A. रेसिस्टिव टच स्क्रीन (Resistive
Touch Screen) :-
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कार्य सिद्धांत: दो प्रतिरोधक लेयर्स के बीच दबाव (Pressure) से करंट का प्रवाह बदलता
है।
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उपयोग: एटीएम, POS मशीन, सस्ते डिवाइस।
फायदे :-
किसी भी वस्तु (स्टाइलस, दस्ताने) से काम करती है।
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कम लागत।
नुकसान :-
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कम स्पष्टता, मल्टीटच सपोर्ट
नहीं।
B. कैपेसिटिव टच स्क्रीन (Capacitive Touch Screen) :-
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कार्य सिद्धांत: उपयोगकर्ता के स्पर्श से इलेक्ट्रिकल चार्ज में बदलाव को
मापता है।
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उपयोग: स्मार्टफोन (iPhone, Android), टैबलेट।
फायदे :-
उच्च स्पष्टता और मल्टीटच
सपोर्ट।
·
अधिक टिकाऊ।
नुकसान: :-
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केवल उंगली या विशेष
स्टाइलस से काम करती है।
C. इंफ्रारेड टच स्क्रीन (Infrared Touch Screen) :-
·
कार्य सिद्धांत: इंफ्रारेड लाइट ग्रिड का उपयोग करके स्पर्श बिंदु का पता
लगाती है।
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उपयोग: बड़े डिस्प्ले (जैसे इंटरएक्टिव व्हाइटबोर्ड)।
·
फायदे: उच्च सटीकता, किसी भी वस्तु से काम करती है।
D. सरफेस एकॉस्टिक वेव (Surface Acoustic Wave – SAW) :-
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कार्य सिद्धांत: ध्वनि तरंगों में व्यवधान से स्पर्श का पता लगाती है।
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उपयोग: हाईएंड कियोस्क और गेमिंग डिस्प्ले।
2. टच स्क्रीन कैसे काम करती है ? :-
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स्टेप 1: स्पर्श बिंदु का पता
लगाना (Touch Detection)।
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स्टेप 2: सेंसर डेटा को इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल में बदलना।
·
स्टेप 3: प्रोसेसर द्वारा सिग्नल को कमांड में परिवर्तित करना।
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स्टेप 4: डिस्प्ले पर परिणाम दिखाना।
3. टच स्क्रीन के फायदे (Advantages) :-
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इंटरएक्टिविटी: उपयोगकर्ता सीधे डिस्प्ले के साथ इंटरैक्ट कर सकता
है।
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उपयोग में आसानी: बटन या कीबोर्ड की तुलना में अधिक सहज।
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स्पेस सेविंग: फिजिकल बटन की आवश्यकता नहीं।
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मल्टीटच: एक साथ कई स्पर्श बिंदुओं को पहचानना (जैसे जूम
इन/आउट)।
4. टच स्क्रीन के नुकसान (Disadvantages) :-
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लागत: कैपेसिटिव स्क्रीन महंगी होती हैं।
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खरोंच का खतरा: ग्लास सतह नाजुक हो सकती है।
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बैटरी खपत: टच सेंसर बैटरी जल्दी खर्च करते हैं।
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पानी/गंदगी का प्रभाव: गीले या गंदे हाथों से सटीकता कम हो जाती
है।
5. टच स्क्रीन के उपयोग (Applications) :-
1. मोबाइल
डिवाइस: स्मार्टफोन, टैबलेट, स्मार्टवॉच।
2. पब्लिक
इंफॉर्मेशन सिस्टम: एटीएम, टिकटिंग कियोस्क।
3. शिक्षा:
इंटरएक्टिव व्हाइटबोर्ड, ईलर्निंग टूल्स।
4. मेडिकल:
ऑपरेशन रूम में डिस्प्ले, डायग्नोस्टिक उपकरण।
5. ऑटोमोटिव:
कार इन्फोटेनमेंट सिस्टम।
6. टच स्क्रीन तकनीक में नवीनतम विकास (Latest
Innovations)
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फोल्डेबल स्क्रीन: सैमसंग Galaxy Z Fold जैसे उपकरण।
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हैप्टिक फीडबैक: स्पर्श पर कंपन या प्रतिक्रिया (जैसे iPhone का Taptic Engine)।
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इनडिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर: स्क्रीन के नीचे फिंगरप्रिंट स्कैनर।
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एयर जेस्चर: बिना छुए ही हवा में इशारों से नियंत्रण (जैसे Google Pixel 4)।
7. टच स्क्रीन का भविष्य (Future of Touch
Screens) :-
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फ्लेक्सिबल स्क्रीन: रोल करने योग्य और लचीले
डिस्प्ले।
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AI इंटीग्रेशन: स्मार्ट जेस्चर
रिकग्निशन (जैसे आँखों की गति से नियंत्रण)।
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3D टच: दबाव के स्तर के आधार पर अलगअलग कार्य।
8. टच स्क्रीन की देखभाल के टिप्स :-
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स्क्रीन प्रोटेक्टर: खरोंच से बचाने के
लिए।
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सॉफ्ट कपड़े से सफाई: माइक्रोफाइबर कपड़े का उपयोग करें।
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लिक्विड से बचें: सीधे पानी या केमिकल न लगाएँ।
9. रोचक तथ्य (Interesting Facts) :-
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पहली टच स्क्रीन 1965 में
E.A.
Johnson द्वारा विकसित की गई थी।
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Apple iPhone ने 2007 में कैपेसिटिव टच
स्क्रीन को लोकप्रिय बनाया।
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"पिंचटूजूम"
जेस्चर को 2005 में पेटेंट कराया गया था।
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