मॉडेम (MODEM) एक नेटवर्किंग डिवाइस है जो कंप्यूटर या अन्य डिवाइस को इंटरनेट या दूरसंचार नेटवर्क से जोड़ने का काम करता है। यह डिजिटल डेटा को एनालॉग सिग्नल में बदलकर (मॉड्युलेशन) और एनालॉग सिग्नल को वापस डिजिटल डेटा में परिवर्तित करके (डीमॉड्युलेशन) संचार को संभव बनाता है।
1. मॉडेम का पूरा नाम और मूल कार्य :-
- नाम: MODEM
= Modulator + Demodulator.
- मुख्य कार्य: डिजिटल डेटा (कंप्यूटर) को एनालॉग सिग्नल (टेलीफोन/केबल लाइन) में बदलना और इसके विपरीत।
2. मॉडेम कैसे
काम करता है ? :-
- मॉड्युलेशन (Modulation): डिजिटल डेटा (0 और 1) को एनालॉग सिग्नल (जैसे रेडियो वेव्स) में बदलकर ट्रांसमिट करता है।
- डीमॉड्युलेशन (Demodulation): प्राप्त एनालॉग सिग्नल को वापस डिजिटल डेटा में कन्वर्ट करता है।
- उदाहरण: इंटरनेट से डेटा डाउनलोड करते समय मॉडेम एनालॉग सिग्नल को डिजिटल में बदलता है।
3. मॉडेम के प्रकार
(Types
of Modems) :-
A. कनेक्टिविटी
के आधार पर :-
- वायर्ड मॉडेम: केबल या टेलीफोन लाइन के माध्यम से जुड़ता है।
- डायलअप मॉडेम: पुराना तकनीक, टेलीफोन लाइन का उपयोग करता है (अधिकतम 56 Kbps)।
- DSL मॉडेम: हाईस्पीड इंटरनेट (ADSL, VDSL), टेलीफोन लाइन पर डेटा ट्रांसफर।
- केबल मॉडेम: केबल TV नेटवर्क (Coaxial केबल) के माध्यम से काम करता है (100 Mbps तक)।
- फाइबर मॉडेम: ऑप्टिकल फाइबर केबल का उपयोग करता है (1 Gaps से अधिक स्पीड)।
- वायरलेस मॉडेम: सेल्युलर नेटवर्क (4G, 5G) या सैटेलाइट के माध्यम से कनेक्ट होता है।
- मोबाइल ब्रॉडबैंड मॉडेम: USB डोंगल या हॉटस्पॉट डिवाइस।
- सैटेलाइट मॉडेम: ग्रामीण/दूरस्थ क्षेत्रों में उपयोगी।
B. स्थापना
के आधार पर :-
- एक्सटर्नल मॉडेम: अलग डिवाइस (जैसे राउटरमॉडेम कॉम्बो)।
- इंटरनल मॉडेम: कंप्यूटर के अंदर कार्ड के रूप में (अब कम प्रचलित)।
4. मॉडेम की
विशेषताएँ (Features) :-
- ट्रांसमिशन स्पीड: बॉड रेट (Baud Rate) या बिट्स प्रति सेकंड (bps) में मापी जाती है।
- एरर करेक्शन: डेटा ट्रांसमिशन में गलतियों को ठीक करता है।
- डेटा कम्प्रेशन: ट्रांसमिशन स्पीड बढ़ाने के लिए डेटा को संपीड़ित करता है।
- कनेक्टिविटी: वायर्ड (RJ11, coaxial) या वायरलेस (Wi-Fi, 4G) विकल्प।
5. मॉडेम के
उपयोग (Applications)
:-
1. इंटरनेट एक्सेस: घर, ऑफिस, या मोबाइल में इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करना।
2. फैक्स मशीन: डॉक्यूमेंट भेजने और प्राप्त करने के लिए।
3. दूरसंचार: टेलीफोन नेटवर्क और VoIP (Voice over IP) में उपयोग।
4. औद्योगिक नियंत्रण: रिमोट सेंसर और Ion डिवाइस को कनेक्ट करना।
5. अंतरिक्ष संचार: सैटेलाइट और रोवर के साथ डेटा ट्रांसफर।
6. मॉडेम के
फायदे और नुकसान :-
फायदे :-
- विभिन्न नेटवर्क (टेलीफोन, केबल, फाइबर) के साथ संगत।
- लंबी दूरी के संचार को संभव बनाता है।
- डेटा सुरक्षा के लिए एन्क्रिप्शन सुविधा (आधुनिक मॉडेम में)।
नुकसान :-
- पुराने मॉडेम (डायलअप) की स्पीड धीमी होती है।
- कभीकभी ISP (इंटरनेट सेवा प्रदाता) पर निर्भरता।
- वायर्ड मॉडेम में केबल मैनेजमेंट की चुनौती।
7. मॉडेम vs. राउटर: अंतर :-
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मॉडेम |
राउटर |
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SP से सीधा कनेक्शन बनाता है। |
लोकल नेटवर्क बनाकर
डिवाइस को आपस में जोड़ता है। | |
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डेटा को एनालॉग/डिजिटल
में बदलताहै। |
डेटा पैकेट्स को
निर्दिष्ट डिवाइस तक पहुँचाता है। | |
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एक समय में एक डिवाइस
को कनेक्ट करता है। |
एक साथ कई डिवाइस को इंटरनेट प्रदान करता है। |
Ø आजकल मॉडेमराउटर कॉम्बो
डिवाइस भी उपलब्ध हैं, जो दोनों कार्य एक साथ करते हैं।
8. मॉडेम का
विकास (Evolution)
:-
- 1960s: पहले मॉडेम (Acoustic Couplers), 300 bps स्पीड।
- 1980s: डायलअप मॉडेम (56 Kbps) का प्रचलन।
- 2000s: ब्रॉडबैंड मॉडेम (DSL, केबल) ने हाईस्पीड इंटरनेट दिया।
- आज: फाइबर और 5G मॉडेम, जो 1 Gaps से अधिक स्पीड प्रदान करते हैं।
9. महत्वपूर्ण
तकनीकी शब्द :-
- Baud Rate: प्रति सेकंड ट्रांसमिट होने वाले सिग्नल बदलाव की संख्या।
- DOCSIS: केबल मॉडेम के लिए स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल।
- VDSL: DSL का हाईस्पीड वर्जन (100 Mbps तक)।
10. सुरक्षा
संबंधी जानकारी :-
- पुराने मॉडेम हैकिंग के लिए अतिसंवेदनशील होते थे (जैसे War Dialing अटैक)।
- आधुनिक मॉडेम में WPA3 एन्क्रिप्शन, फ़ायरवॉल जैसी सुविधाएँ होती हैं।
- हमेशा मॉडेम के डिफ़ॉल्ट पासवर्ड को बदलें और फर्मवेयर अपडेट रखें।
मॉडेम डिजिटल युग का एक
आधारभूत उपकरण है,
जो इंटरनेट और संचार प्रणालियों को सुचारू बनाता है। समय के
साथ इसकी गति, दक्षता और सुरक्षा में
भारी सुधार हुआ है। फाइबर और 5G जैसी तकनीकों के साथ, मॉडेम भविष्य में और अधिक
उन्नत भूमिका निभाएगा।

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