इन्टरनेट टेलीफोनी क्या होता है |

इन्टरनेट टेलीफोनी क्या होता है |

Internet Telephony जिसे VoIP (Voice over Internet Protocol) भी कहा जाता है, एक ऐसी तकनीक है जो इंटरनेट के माध्यम से आवाज और मल्टीमीडिया संचार को संभव बनाती है। यह पारंपरिक टेलीफोन नेटवर्क (PSTN  Public Switched Telephone Network) के बजाय इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) का उपयोग करती है। इसकी मदद से उपयोगकर्ता कम लागत में वॉयस कॉल, वीडियो कॉल, और डेटा ट्रांसफर कर सकते हैं।

इंटरनेट टेलीफोनी कैसे काम करती है ? :-

1. आवाज को डिजिटल सिग्नल में बदलना: माइक्रोफोन के माध्यम से आवाज को एनालॉग सिग्नल से डिजिटल डेटा पैकेट्स में कन्वर्ट किया जाता है।

2. इंटरनेट पर ट्रांसमिशन: ये डेटा पैकेट्स इंटरनेट के जरिए रिसीवर तक भेजे जाते हैं।

3. डिजिटल से एनालॉग में वापसी: रिसीवर के पास, डिजिटल डेटा को फिर से एनालॉग सिग्नल में बदलकर स्पीकर या हेडफोन के माध्यम से सुना जाता है।

 इंटरनेट टेलीफोनी के प्रकार :-

1. Computer to Computer: दो कंप्यूटरों के बीच कॉल (जैसे: Skype, Zoom)

2. Computer to Phone: कंप्यूटर से पारंपरिक फोन नंबर पर कॉल (जैसे: Google Voice)

3. Phone to Phone via Internet: इंटरनेट का उपयोग करते हुए दो फोन्स के बीच कॉल (जैसे: VoIP सेवाएँ जैसे Vonage)

4. Mobile Apps: WhatsApp, Face Time, या Messenger के माध्यम से कॉल।

 मुख्य प्रोटोकॉल और तकनीकें :-

  • SIP (Session Initiation Protocol): कॉल स्थापित करने, प्रबंधित करने, और समाप्त करने के लिए उपयोग होता है।
  • RTP (Real-time Transport Protocol): ऑडियो और वीडियो डेटा को रियलटाइम में ट्रांसमिट करता है।
  • Codec’s: डेटा को कंप्रेस और डीकंप्रेस करने के लिए (जैसे: G.711, G.729, Opus)
  • SRTP (Secure RTP): एन्क्रिप्शन के साथ सुरक्षित संचार सुनिश्चित करता है।

 इंटरनेट टेलीफोनी के लाभ :-

1. लागत में बचत: इंटरनेट कनेक्शन होने पर अंतर्राष्ट्रीय कॉल्स सस्ती होती हैं।

2. लचीलापन: कहीं से भी कॉल करने की सुविधा (जैसे: वर्क फ्रॉम होम)।

3. एडवांस्ड फीचर्स: वॉयसमेल, कॉल फॉरवर्डिंग, कॉन्फ्रेंस कॉल, वीडियो कॉल आदि।

4. स्केलेबिलिटी: व्यवसायों के लिए आसानी से उपयोगकर्ता जोड़ना या हटाना।

5. एकीकरण: CRM सिस्टम, ईमेल, और अन्य टूल्स के साथ इंटीग्रेशन।

 चुनौतियाँ और सीमाएँ :-

1. इंटरनेट निर्भरता: अच्छी कॉल क्वालिटी के लिए हाईस्पीड इंटरनेट जरूरी है।

2. लेटेंसी और जिटर: नेटवर्क कंजेशन के कारण कॉल में देरी या ड्रॉप हो सकती है।

3. सुरक्षा जोखिम: हैकिंग या ईव्सड्रॉपिंग का खतरा (हालाँकि एन्क्रिप्शन से कम किया जा सकता है)।

4. पावर आउटेज: बिजली चले जाने पर पारंपरिक फोन की तरह बैकअप नहीं होता।

 प्रमुख सेवा प्रदाता (Service Providers) :-

  • Skype: व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपयोग के लिए।
  • Zoom: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर फोकस।
  • WhatsApp/Telegram: मोबाइल ऐप्स के माध्यम से फ्री कॉल।
  • Vonage/Microsoft Teams: बिजनेस VoIP समाधान।
  • Google Voice: वर्चुअल फोन नंबर और कॉल मैनेजमेंट।


 महत्वपूर्ण बिंदु :-

इंटरनेट टेलीफोनी ने संचार के तरीके को क्रांतिकारी बना दिया है। यह न केवल लागतप्रभावी है, बल्कि लचीलेपन और एडवांस्ड फीचर्स के साथ व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपयोगकर्ताओं के लिए एक आदर्श समाधान है। हालाँकि, नेटवर्क स्टेबिलिटी और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसका उपयोग करना चाहिए। भविष्य में इसका दायरा और विस्तार होने की पूरी संभावना है।

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