ई-मेल (ईलेक्ट्रॉनिक मेल) क्या होता है |

ई - मेल क्या होता है |

-मेल (ईलेक्ट्रॉनिक मेल) एक डिजिटल संचार माध्यम है जिसके जरिए इंटरनेट की मदद से टेक्स्ट, फाइल्स, इमेज, वीडियो और अन्य डिजिटल सामग्री को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति या समूह को भेजा जा सकता है। यह आधुनिक संचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और व्यक्तिगत, व्यावसायिक और शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

 ई-मेल का इतिहास :-

-मेल की शुरुआत 1960 के दशक में हुई, जब कंप्यूटर नेटवर्क के विकास के साथ संदेशों को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर पर भेजने की तकनीक विकसित हुई। 1971 में, रे टॉमलिंसन ने पहला -मेल भेजा और "@" चिन्ह का उपयोग करके यूजर नेम और होस्ट नेम को अलग करने का तरीका शुरू किया। 1990 के दशक में इंटरनेट के प्रसार के साथ -मेल का उपयोग तेजी से बढ़ा।

 ई-मेल कैसे काम करता है ? :-

1. ई-मेल भेजना: जब कोई उपयोगकर्ता ई-मेल भेजता है, तो वह संदेश उसके ई-मेल क्लाइंट (जैसे Gmail, Outlook) के माध्यम से SMTP (सिंपल मेल ट्रांसफर प्रोटोकॉल) सर्वर पर जाता है।

2. संदेश का रूटिंग: SMTP सर्वर प्राप्तकर्ता के ई-मेल सर्वर का पता लगाता है और संदेश को वहां भेजता है।

3. संदेश प्राप्त करना: प्राप्तकर्ता का ई-मेल सर्वर (POP3 या IMAP प्रोटोकॉल का उपयोग करके) संदेश को प्राप्त करता है और उसे उपयोगकर्ता के इनबॉक्स में संग्रहीत करता है।

4. संदेश पढ़ना: प्राप्तकर्ता अपने ई-मेल क्लाइंट के माध्यम से संदेश को पढ़ सकता है।

 ई-मेल के मुख्य घटक :-

1. ई-मेल एड्रेस: यह उपयोगकर्ता का यूनिक पता होता है, जैसे username@domain.com

2. विषय (Subject): संदेश का संक्षिप्त विवरण।

3. संदेश (Body): मुख्य टेक्स्ट या सामग्री।

4. अटैचमेंट: फाइल, इमेज, या अन्य डिजिटल सामग्री जो संदेश के साथ भेजी जाती है।

5. CC (कार्बन कॉपी): अन्य प्राप्तकर्ताओं को संदेश की एक कॉपी भेजना।

6. BCC (ब्लाइंड कार्बन कॉपी): CC के समान, लेकिन प्राप्तकर्ताओं को अन्य प्राप्तकर्ताओं का पता दिखाई नहीं देता।

 ई-मेल के फायदे :-

1. तेज संचार: संदेश सेकंडों में दुनिया के किसी भी कोने में भेजे जा सकते हैं।

2. लागत प्रभावी: इंटरनेट कनेक्शन के अलावा कोई अतिरिक्त लागत नहीं।

3. सुविधाजनक: किसी भी समय और स्थान से संदेश भेजे और प्राप्त किए जा सकते हैं।

4. अटैचमेंट: दस्तावेज़, फोटो, वीडियो आदि को आसानी से साझा किया जा सकता है।

5. रिकॉर्ड रखने में आसानी: ई-मेल को सहेजा और संग्रहीत किया जा सकता है।

 ई-मेल के नुकसान :-

1. स्पैम: अनचाहे और अवांछित ई-मेल।

2. सुरक्षा जोखिम: हैकिंग, फिशिंग और वायरस का खतरा।

3. अधिक जानकारी का बोझ: बड़ी मात्रा में ई-मेल प्रबंधित करना मुश्किल हो सकता है।

4. इंटरनेट पर निर्भरता: इंटरनेट कनेक्शन के बिना ई-मेल का उपयोग नहीं किया जा सकता।

 लोकप्रिय ई-मेल सेवा प्रदाता :-

1. Gmail: Google द्वारा प्रदान की जाने वाली मुफ्त ई-मेल सेवा।

2. Outlook: Microsoft की ई-मेल सेवा।

3. Yahoo Mail: Yahoo द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा।

4. Proton Mail: एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के साथ सुरक्षित ई-मेल सेवा।

 

ई-मेल आधुनिक संचार का एक अभिन्न अंग है और भविष्य में भी इसका महत्व बना रहेगा।


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