विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है |

विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है |

विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम एक जटिल सॉफ्टवेयर सिस्टम है जिसे कई मुख्य भागों (Components) में बांटा गया है। ये सभी भाग मिलकर कंप्यूटर के हार्डवेयर और यूजर के बीच संचार स्थापित करते हैं।

 1. विंडोज कर्नेल (Windows Kernel) :-

Ø कर्नेल ऑपरेटिंग सिस्टम का "दिल" होता है। यह हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच संचार को मैनेज करता है।

    प्रमुख कार्य :-

  • मेमोरी मैनेजमेंट (RAM का आवंटन और नियंत्रण)
  • प्रोसेसर टाइम शेड्यूलिंग (CPU के कार्यों को प्राथमिकता देना)
  • डिवाइस ड्राइवर्स को नियंत्रित करना
  • सिस्टम सुरक्षा और एक्सेस कंट्रोल

 2. यूजर इंटरफेस (User Interface) :-

    ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) :-

  • विंडोज एक्सप्लोरर (File Explorer), स्टार्ट मेनू, टास्कबार, डेस्कटॉप, और विंडोज जैसे तत्व GUI का हिस्सा हैं। यह यूजर को आसानी से सिस्टम को ऑपरेट करने में मदद करता है।

    कमांडलाइन इंटरफेस (CLI) :-

  • CMD (Command Prompt), PowerShell, और Windows Terminal जैसे टूल्स CLI के उदाहरण हैं, जो उन्नत यूजर्स को टेक्स्टआधारित कमांड्स चलाने की सुविधा देते है

 3. फाइल सिस्टम (File System) :-

  • विंडोज डेटा को संगठित करने के लिए फाइल सिस्टम का उपयोग करता है। प्रमुख फाइल सिस्टम:

    NTFS (New Technology File System) :-

  • आधुनिक विंडोज संस्करणों में डिफ़ॉल्ट फाइल सिस्टम, जो सुरक्षा, एन्क्रिप्शन, और बड़ी फाइलों को सपोर्ट करता है।

      FAT32/exFAT :-

  • पोर्टेबल डिवाइस (जैसे पेन ड्राइव) के लिए उपयोगी।

      ReFS (Resilient File System) :-

  • सर्वर और एंटरप्राइज सिस्टम के लिए डिज़ाइन किया गया।

 4. सिस्टम सर्विसेज और प्रोसेसेज (System Services & Processes) :-

Ø ये पृष्ठभूमि में चलने वाली प्रक्रियाएं हैं जो सिस्टम के बेसिक फंक्शन्स को सपोर्ट करती हैं। उदाहरण:-

  • svchost.exe: विंडोज सर्विसेज को होस्ट करता है।
  • winlogon.exe: यूजर लॉगिन प्रक्रिया को मैनेज करता है।
  • Print Spooler: प्रिंटिंग कार्यों को नियंत्रित करता है।
  • Windows Update: सिस्टम को अपडेट करता है।

 5. डिवाइस ड्राइवर्स (Device Drivers) :-

  • ये सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होते हैं जो हार्डवेयर डिवाइस (जैसे कीबोर्ड, माउस, प्रिंटर, GPU) और ऑपरेटिंग सिस्टम के बीच इंटरफेस का काम करते हैं।
  • विंडोज में ड्राइवर्स को Device Manager के माध्यम से मैनेज किया जाता है।

 6. रजिस्ट्री (Registry) :-

Ø रजिस्ट्री एक डेटाबेस है जो विंडोज और इंस्टॉल्ड सॉफ्टवेयर की सभी सेटिंग्स और कॉन्फ़िगरेशन को स्टोर करता है।

    महत्वपूर्ण Keys :-

v  HKEY_CLASSES_ROOT: फाइल एसोसिएशन्स

v  HKEY_CURRENT_USER: करंट यूजर की सेटिंग्स

v  HKEY_LOCAL_MACHINE: सिस्टमवाइड सेटिंग्स

 7. सिस्टम सुरक्षा (Security Components) :-

    Windows Defender:-

v  इनबिल्ट एंटीवायरस और मैलवेयर सुरक्षा।

    Firewall :-

v  नेटवर्क ट्रैफ़िक को मॉनिटर और कंट्रोल करता है।

    User Account Control (UAC):-

v   अनधिकृत सिस्टम परिवर्तनों को रोकता है।

    BitLocker :-

v  डिस्क एन्क्रिप्शन टूल।

 8. नेटवर्किंग कंपोनेंट्स (Networking Components) :-

v  TCP/IP Stack: इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए प्रोटोकॉल।

v  Network Drivers: वाईफाई, ईथरनेट, और ब्लूटूथ ड्राइवर्स।

v  SMB (Server Message Block): नेटवर्क फाइल शेयरिंग के लिए प्रोटोकॉल।

9. एप्लिकेशन सपोर्ट (Application Support) :-

    APIs (Application Programming Interfaces) :-

v  डेवलपर्स को सॉफ्टवेयर बनाने में मदद करने वाले टूल्स, जैसे Win32 API, .NET Framework, और UWP (Universal Windows Platform)

    Runtime Libraries :-

v   .NET Framework, Visual C++ Redistributable, Java Runtime (अगर इंस्टॉल किया गया हो)।

 10. स्टोरेज मैनेजमेंट (Storage Management) :-

v  Disk Management: हार्ड डिस्क को पार्टीशन और फॉर्मेट करने का टूल।

v  Storage Spaces: मल्टीपल ड्राइव्स को एक लॉजिकल यूनिट में जोड़ने की सुविधा।

v  Defragmenter: डिस्क पर डेटा को ऑप्टिमाइज़ करने के लिए।

 11. वर्चुअलाइजेशन (Virtualization) :-

v  HyperV: विंडोज में इनबिल्ट वर्चुअल मशीन मैनेजर।

v  Windows Sandbox: अस्थायी वर्चुअल एनवायरनमेंट में अनजान सॉफ्टवेयर टेस्ट करने के लिए।

 12. WSL (Windows Subsystem for Linux):-

  • यह फीचर यूजर्स को विंडोज के अंदर ही लिनक्स एनवायरनमेंट चलाने की अनुमति देता है। 
  • उदाहरण: Ubuntu, Debian, या Kali Linux डिस्ट्रीब्यूशन्स को सीधे विंडोज पर रन करना।


 महत्वपूर्ण बिंदु :-

विंडोज एक मॉड्यूलर ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसके सभी भाग एकदूसरे के साथ इंटीग्रेटेड होकर काम करते हैं। ये कंपोनेंट्स सिस्टम की कार्यक्षमता, सुरक्षा, और यूजर अनुभव को बनाए रखते हैं। विंडोज के नए संस्करणों में इन भागों को लगातार अपडेट और ऑप्टिमाइज़ किया जाता है।


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